अक्षय तृतीया का पर्व भारत में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन का मुहूर्त बेहद शुभ माना जाता हैं। इस दिन मांगलिक कार्यों के लिए स्वयंसिद्ध मुहूर्त होता है इसी लिए विवाह, गृहप्रवेश, व्यापार-उद्योग का आरंभ इस तिथि को किया जाता है।। अक्षय तृतीया का पर्व हर साल वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। अक्षय तृतीया के दिन सूर्य और चंद्र उच्च राशी में रहते है।
आईए जानते है अक्षय तृतीया के दिन सारे शुभ कार्य क्यूं किए जाते है ?
1) 👉 इस दिन किसी भी पुण्य कर्म करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।अक्षय का अर्थ है कभी ना खत्म होने वाला !
2) 👉बद्रीनारायण के कपाट भी इसी दीन खुलते है।
4) 👉पौराणिक कथा के
अनुसार भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था। इसी लिऐ इसे परशुराम जयंती भी कहते है।
5) 👉इस दिन देवी गंगा
का अवतरण इस पृथ्वी पर हुआ था।
6) 👉महर्षि वेदव्यासजी और भगवान श्री गणेश ने महाभारत
लिखने का प्रारंभ अक्षत तृतीय की तिथी को किया था।
7) 👉मान्यता है की इस
दिन अगर कोई व्याक्ति सोना खरीदता है तो माता लक्ष्मी की कृपा सदैव उस पर बनी रहती
है।
8) 👉माता अन्नपूर्णा जो काशी पुराधीश्वरी भी कहा जाता है उनका का अवतरण भी अक्षयतृतीया पर ही हुआ था।
9) 👉अक्षय तृतीया पर
किसी भूखे को भोजन कराने पर, निर्धन को दान देने पर अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती हैं।
1, 👉 इसी तिथी से जग्गनाथपुरी में रथयात्रा के लिऐ रथ के निर्माण का कार्य शुरू किया जाता है।
इस तरह से अक्षय तृतीया का दिन अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए हरकोई कार्यका आरंभ अक्षय तृतीया को करना शुभ मानता है ।
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